Menu

मनोज जानी

बोलो वही, जो हो सही ! दिल की बात, ना रहे अनकही !!

header photo

Blog posts : "latest"

अबकी बार ! बस कर यार !

जब से घोषित हुआ है चुनाव। वोटरों के बढ़ गए हैं भाव। वोटरों के लिए हर दिन त्योहार है। चारों ओर नारों की बौछार है। अबकी बार, फलां सरकार। अबकी बार, फलां सौ पार। बहुत हुआ बेरोजगारी की मार, अबकी  बार फलाने की सरकार। बहुत हुआ महंगाई की मार, अबकी बार फला पार्टी की सरकार। ये सब सुन-सुन कर मैं हो गया था लाचार…

Read more

अबकी बार ! बस कर यार ! (व्यंग्य)

जब से घोषित हुआ है चुनाव। वोटरों के बढ़ गए हैं भाव। वोटरों के लिए हर दिन त्योहार है। चारों ओर नारों की बौछार है। अबकी बार, फलां सरकार। अबकी बार, फलां सौ पार। बहुत हुआ बेरोजगारी की मार, अबकी  बार फलाने की सरकार। बहुत हुआ महंगाई की मार, अबकी बार फला पार्टी की सरकार। ये सब सुन-सुन कर मैं हो गया था लाचार…

Read more

जोगीरा सा रा रा रा रा … (होली स्पेशल) - 2024

निकल रही है महंगाई से, फाग में मुंह से झाग
डीजल गैस के दाम ने देखो, पकड़ लिया है आग
जोगीरा सा रा रा रा रा …

बेगारी सुरसा के मुंह सी, बढ़े यह…

Read more

जोगीरा सा रा रा रा रा … (होली स्पेशल) - 2024

निकल रही है महंगाई से, फाग में मुंह से झाग
डीजल गैस के दाम ने देखो, पकड़ लिया है आग
जोगीरा सा रा रा रा रा …

बेगारी सुरसा के मुंह सी, बढ़े यह…

Read more

बुरा न मानो...

होली में, बुरा न मानने की बोली, दिल में गोली की तरह लगती है। 'बुरा न मानो', हमारे देश में सदियों से चली आ रही बड़ी प्यारी धमकी है कि 'भइया, हम तो तुम्हारे साथ बुरा करेंगे, लेकिन तुम बुरा मत मानना’। यानी, मारेंगे भी और रोने भी नहीं देंगे। आजकल तो यह हालत हो गयी है कि अगर सरकार की किसी भी बात का बुरा …

Read more

बुरा न मानो...

होली में, बुरा न मानने की बोली, दिल में गोली की तरह लगती है। 'बुरा न मानो', हमारे देश में सदियों से चली आ रही बड़ी प्यारी धमकी है कि 'भइया, हम तो तुम्हारे साथ बुरा करेंगे, लेकिन तुम बुरा मत मानना’। यानी, मारेंगे भी और रोने भी नहीं देंगे। आजकल तो यह हालत हो गयी है कि अगर सरकार की किसी भी बात का बुरा …

Read more

अब तो जाग ससुर के नाती...

अब तो जाग ससुर के नाती...
 

निकला सूरज, रात है भागी।

अब तो जाग, ससुर के नाती।
 

पांच किलो गेहूं चावल की,

तुम मरते हो लाइन में।…

Read more

गुनहगार भी तुम्हीं..

मुंसिफ भी हो तुम्ही, और गुनहगार भी तुम्हीं।

तुम ही हो कार्पोरेट, और सरकार भी तुम्हीं।

 

जनता को कौन राह, दिखाएगा आजकल,…

Read more

गुनहगार भी तुम्हीं..

मुंसिफ भी हो तुम्ही, और गुनहगार भी तुम्हीं।

तुम ही हो कार्पोरेट, और सरकार भी तुम्हीं।

 

जनता को कौन राह, दिखाएगा आजकल,…

Read more

अब तो जाग ससुर के नाती...

अब तो जाग ससुर के नाती।
 

निकला सूरज, रात है भागी।

अब तो जाग, ससुर के नाती।
 

पांच किलो गेहूं चावल की,

तुम मरते हो लाइन में।…

Read more

10 blog posts

आपकी राय

Very nice 👍👍

Kya baat hai manoj Ji very nice mind blogging
Keep your moral always up

बहुत सुंदर है अभिव्यक्ति और कटाक्ष

अति सुंदर

व्यंग के माध्यम से बेहतरीन विश्लेषण!

Amazing article 👌👌

व्यंग का अभिप्राय बहुत ही मारक है। पढ़कर अनेक संदर्भ एक एक कर खुलने लगते हैं। बधाई जानी साहब....

Excellent analogy of the current state of affairs

#सत्यात्मक व #सत्यसार दर्शन

एकदम कटु सत्य लिखा है सर।

अति उत्तम🙏🙏

शानदार एवं सटीक

Niraj

अति उत्तम जानी जी।
बहुत ही सुंदर रचना रची आपने।

अति उत्तम रचना।🙏🙏

450;460;6b3b0d2a9b5fdc3dc08dcf3057128cb798e69dd9450;460;7329d62233309fc3aa69876055d016685139605c450;460;60c0dbc42c3bec9a638f951c8b795ffc0751cdee450;460;427a1b1844a446301fe570378039629456569db9450;460;d0002352e5af17f6e01cfc5b63b0b085d8a9e723450;460;eca37ff7fb507eafa52fb286f59e7d6d6571f0d3450;460;69ba214dba0ee05d3bb3456eb511fab4d459f801450;460;0d7f35b92071fc21458352ab08d55de5746531f9450;460;cb4ea59cca920f73886f27e5f6175cf9099a8659450;460;7bdba1a6e54914e7e1367fd58ca4511352dab279450;460;9cbd98aa6de746078e88d5e1f5710e9869c4f0bc450;460;dc09453adaf94a231d63b53fb595663f60a40ea6450;460;f702a57987d2703f36c19337ab5d4f85ef669a6c450;460;fe332a72b1b6977a1e793512705a1d337811f0c7450;460;1b829655f614f3477e3f1b31d4a0a0aeda9b60a7450;460;946fecccc8f6992688f7ecf7f97ebcd21f308afc450;460;f8dbb37cec00a202ae0f7f571f35ee212e845e39

आईने के सामने (काव्य संग्रह) का विमोचन 2014

400;300;e1f4d813d5b5b2b122c6c08783ca4b8b4a49a1e4400;300;3c1b21d93f57e01da4b4020cf0c75b0814dcbc6d400;300;52a31b38c18fc9c4867f72e99680cda0d3c90ba1400;300;24c4d8558cd94d03734545f87d500c512f329073400;300;2d1ad46358ec851ac5c13263d45334f2c76923c0400;300;f4a4682e1e6fd79a0a4bdc32e1d04159aee78dc9400;300;dc90fda853774a1078bdf9b9cc5acb3002b00b19400;300;321ade6d671a1748ed90a839b2c62a0d5ad08de6400;300;a5615f32ff9790f710137288b2ecfa58bb81b24d400;300;f5c091ea51a300c0594499562b18105e6b737f54400;300;6b9380849fddc342a3b6be1fc75c7ea87e70ea9f400;300;08d655d00a587a537d54bb0a9e2098d214f26bec400;300;e167fe8aece699e7f9bb586dc0d0cd5a2ab84bd9400;300;611444ac8359695252891aff0a15880f30674cdc400;300;f7d05233306fc9ec810110bfd384a56e64403d8f400;300;02765181d08ca099f0a189308d9dd3245847f57b400;300;0db3fec3b149a152235839f92ef26bcfdbb196b5400;300;9180d9868e8d7a988e597dcbea11eec0abb2732c400;300;133bb24e79b4b81eeb95f92bf6503e9b68480b88400;300;648f666101a94dd4057f6b9c2cc541ed97332522400;300;7a24b22749de7da3bb9e595a1e17db4b356a99cc400;300;497979c34e6e587ab99385ca9cf6cc311a53cc6e400;300;b6bcafa52974df5162d990b0e6640717e0790a1e400;300;dde2b52176792910e721f57b8e591681b8dd101a400;300;b158a94d9e8f801bff569c4a7a1d3b3780508c31400;300;bbefc5f3241c3f4c0d7a468c054be9bcc459e09d400;300;40d26eaafe9937571f047278318f3d3abc98cce2400;300;aa17d6c24a648a9e67eb529ec2d6ab271861495b400;300;ba0700cddc4b8a14d184453c7732b73120a342c5400;300;76eff75110dd63ce2d071018413764ac842f3c93400;300;7b8b984761538dd807ae811b0c61e7c43c22a972400;300;0fcac718c6f87a4300f9be0d65200aa3014f0598

हमसे संपर्क करें

visitor

898451

चिकोटी (ब्यंग्य संग्रह) का विमोचन 2012

400;300;6600ea27875c26a4e5a17b3943eefb92cabfdfc2400;300;acc334b58ce5ddbe27892e1ea5a56e2e1cf3fd7b400;300;639c67cfe256021f3b8ed1f1ce292980cd5c4dfb400;300;1c995df2006941885bfadf3498bb6672e5c16bbf400;300;f79fd0037dbf643e9418eb6109922fe322768647400;300;d94f122e139211ea9777f323929d9154ad48c8b1400;300;4020022abb2db86100d4eeadf90049249a81a2c0400;300;f9da0526e6526f55f6322b887a05734d74b18e66400;300;9af69a9bc5663ccf5665c289fc1f52ae6c1881f7400;300;e951b2db2cbcafdda64998d2d48d677073c32c28400;300;903118351f39b8f9b420f4e9efdba1cf211f99cf400;300;5c086d13c923ec8206b0950f70ab117fd631768d400;300;71dca355906561389c796eae4e8dd109c6c5df29400;300;b0db18a4f224095594a4d66be34aeaadfca9afb3400;300;dfec8cfba79fdc98dc30515e00493e623ab5ae6e400;300;31f9ea6b78bdf1642617fe95864526994533bbd2400;300;55289cdf9d7779f36c0e87492c4e0747c66f83f0400;300;d2e4b73d6d65367f0b0c76ca40b4bb7d2134c567

अन्यत्र

आदरणीय  कुशवाहा जी प्रणाम। कमेन्ट के लिए धन्यवाद ।
मनोज जी, अत्यंत सुंदर व्यंग्य रचना। शायद सत्ताधारियों के लिए भी जनता अब केवल हंसी-मजाक विषय रह गई है. जब चाहो उसका मजाक उड़ाओ और उसी के नाम पर खाओ&...
कुछ न कुछ तो कहना ही पड़ेगा , जानी साहब. कब तक बहरे बन कर बैठे रहेंगे. कब तक अपने जज्बातों को मरते हुए देखेंगे. आखिर कब तक. देश के हालात को व्यक्त क...
स्नेही जानी जी , सादर ,बहुत सुन्दर भाव से पूर्ण कविता ,आज की सच्चाई को निरुपित करती हुई . सफल प्रस्तुति हेतु बधाई .
तरस रहे हैं जो खुद, मय के एक कतरे को, एसे शाकी हमें, आखिर शराब क्या देंगे? श्री मनोज कुमार जी , नमस्कार ! क्या बात है ! आपने आदरणीय डॉ . बाली से...